25 अप्रैल 2012

जिंदगी भर एक सा मौसम नही रहता,
हर समय कोई खुसी या गम नही रहता,
वक़्त की आंधी उडा देती ह सब रंग,
हो कोई बेखुब वो कायम नही रहता,
कुछ भी पाने में बहुत कुछ छूट जाता ह,
उसको खोने का भी डर अब कम नही रहता,
जिनकी धड़कन के बहुत नजदीक रहते ह,
वो ही देखो एक दिन हमदम नही रहता,
शाम होते होते इतना टूट जाते ह हम,
खुद से मिलने का भी दम नही रहता  !!!