तेरी नज़रों से पीने का मज़ा ही कुछ और है !
तुझे देख देख के जीने का मज़ा ही कुछ और है !!
कर बेवफाई मेरे साथ तू ....हम शिकवा नहीं करेंगे !!! बस ....तुझसे वफ़ा करने का मज़ा ही कुछ और है!!!!
खुदा ने काश मोहब्बत बनायी ना होती !
तो आज इस तरह प्यार की रुसवाई ना होती !!
काश उनके दिल में ज़रा सी वफ़ा होती !!!
तो इस तरह मेरे साथ बेवफाई ना होती !!!!
अब तो ग़म सहने की आदत सी हो गयी है !
रात को छुप छुप रोने की आदत सी हो गयी है !!
तू बेवफा है ....खेल मेरे दिल से जी भर के !!!
हमें तो अब चोट खाने की आदत सी हो गयी है !!!!
आप बेवफा होंगे सोचा ही नहीं था !
आप भी कभी खफा होंगे सोचा
नहीं था !!
जो गीत लिखे थे कभी प्यार पर तेरे !!!
वही गीत रुसवा होंगे
सोचा ही नहीं था !!!!
हमें अश्कों से ज़ख्मों को धोना नहीं आता ! मिलती है ख़ुशी तो उसे खोना नहीं आता !! सह लेते हैं हर ग़म मुस्कुराकर !!! और लोग कहते हैं हमें रोना नहीं आता !!!!