30 अप्रैल 2012

शीशे का ये दिल

शीशे  का  ये  दिल  टूट  रहा  था  !
हम  उन्हें  ना  ढूंढते  तो  क्या  करते !!
एहसास  हुआ  जब  हमें  उनसे  दूर  होने  का !!!
हम  रो  कर  अपनी  आँख  ना सुजाते  तो  क्या  करते !!!!