30 अप्रैल 2012
कहते हैं जब
कहते हैं जब रही न मुझमें ताकते-सुखन,
जानूँ किसी के दिल की मैं क्यों कर कहे बगैर।
-मिर्जा गालिब
1.ताकते-सुखन -
बात करने की ताकत
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