28 अप्रैल 2012

अब तो ग़म सहने की

अब  तो  ग़म  सहने  की  आदत  सी  हो गयी  है !
रात  को  छुप  छुप  रोने  की  आदत  सी  हो गयी  है !!
तू  बेवफा  है ....खेल  मेरे  दिल  से  जी  भर  के !!!
हमें  तो  अब चोट  खाने  की  आदत  सी  हो गयी  है !!!!