बिखरे थे जो अल्फ़ाज इस कायनात में !
समेंटा है उन्हें चंद पन्नों की किताब में !!
अब दुआ नहीं मांगता बस पूंछता हुं खुदा से !!!
अभी कितनी सांसे और हैं हिसाब में..??!!!!
समेंटा है उन्हें चंद पन्नों की किताब में !!
अब दुआ नहीं मांगता बस पूंछता हुं खुदा से !!!
अभी कितनी सांसे और हैं हिसाब में..??!!!!