रात घिरे तक घायल नगमें, करते हैं एलान यहाँ!
ये दुनिया है संग-दिलों कि, कोई नहीं इंसान यहाँ!
प्यार भीख में भी मांगो तो प्यार न डाले झोली में;
बिन मांगे मिल जाते हैं, रुसवाई के सामान यहाँ!
ये दुनिया है संग-दिलों कि, कोई नहीं इंसान यहाँ!
प्यार भीख में भी मांगो तो प्यार न डाले झोली में;
बिन मांगे मिल जाते हैं, रुसवाई के सामान यहाँ!