3 सितंबर 2012
वो प्यार जिसके लिए हमने क्या गवां न दिया
उसी ने बच के निकलने का रास्ता न दिया
जब एक बार जला ली हाथेलीया अपनी
तो फिर खुदा ने उस हाथ में दिया न दिया
जबान से दिल के सभी फैसले नहीं होते
उसे भुलाने को कहते तो थे पर भुला न दिया
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