कटेगा देखिए दिन जाने किस अज़ाब के साथ ,
कि आज धूप नहीं निकली आफताब के साथ !!
तो फिर बताओ समंदर सदा को क्यूँ सुनते ,
हमारी प्यास का रिश्ता था जब सराब के साथ !!!!
अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें ! हम उनके लिए ज़िंदगानी लुटा दें !!
कि आज धूप नहीं निकली आफताब के साथ !!
तो फिर बताओ समंदर सदा को क्यूँ सुनते ,
हमारी प्यास का रिश्ता था जब सराब के साथ !!!!
अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें ! हम उनके लिए ज़िंदगानी लुटा दें !!