नसीब आजमाने के दिन आ रहे हैं
क़रीब उनके आने के दिन आ रहे हैं !
जो दिल से कहा है, जो दिल से सुना है
सब उनको सुनाने के दिन आ रहे हैं !
अभी से दिल-ओ-जाँ सर-ए-राह रख दो
कि लुटने लुटाने के दिन आ रहे हैं !!
टपकने लगी उन निगाहों से मस्ती
निगाहें चुराने के दिन आ रहे हैं !
सबा फिर हमें पूछती फिर रही है
चमन को सजाने के दिन आ रहे हैं !
चलो फैज़ फिर से कहीं दिल लगाएं
सुना है ठिकाने के दिन आ रहे हैं !!!!