7 अगस्त 2012

                 बस एक हंसी से अपने अश्को को छुपाने का !
           जो फन आता है तुम को, वो सिखा दो फिर चले जाना !!

            ना जाने क्यूँ है, लेकिन देखने की तुम को आदत है  !!!
              मेरी ये बे-वजह आदत छुड़ा दो फिर चले जाना   
!!!!



      अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें ! हम उनके लिए ज़िंदगानी लुटा दें !!